गढ़चिरोली : 10 करोड़ के इनामी नक्सली नेता ‘भूपति’ ने 60 साथियों सहित पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण


गढ़चिरोली : 10 करोड़ के इनामी नक्सली नेता ‘भूपति’ ने 60 साथियों सहित पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण
– आधिकारिक पुष्टि की प्रतीक्षा; मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में हथियार डालने की संभावना
The गड़विश्व
गढ़चिरोली, ता.14 : लंबे समय से नक्सल आंदोलन में सक्रिय रहकर पोलित ब्यूरो और केंद्रीय समिति तक अपनी पकड़ बनाने वाले वरिष्ठ नक्सली नेता मल्लोजुला वेणुगोपाल उर्फ भूपति उर्फ सोनू ने आखिरकार अपने लगभग 60 साथियों सहित गढ़चिरोली पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है, ऐसी जानकारी सामने आई है। इस घटना से गढ़चिरोली और आसपास के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में हड़कंप मच गया है।
भूपति नक्सली संगठन का प्रमुख रणनीतिकार और महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ सीमा क्षेत्र में सक्रिय प्लाटून का मार्गदर्शक बताया जाता है। उस पर विभिन्न राज्यों में मिलाकर लगभग 10 करोड़ रुपये का इनाम घोषित था, ऐसी जानकारी सूत्रों से प्राप्त हुई है।
सूत्रों के अनुसार, भूपति 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में औपचारिक रूप से हथियार डालने वाला है। इस संबंध में खबर कई मीडिया माध्यमों में भी प्रकाशित की गई है। पुलिस विभाग तथा गढ़चिरोली क्षेत्र में इस घटना को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है।
पिछले कुछ महीनों से भूपति और नक्सली संगठन के शीर्ष नेतृत्व के बीच गंभीर मतभेद चल रहे थे। उसने स्पष्ट रूप से कहा था कि – “सशस्त्र संघर्ष निष्फल साबित हुआ है, संवाद ही एकमात्र विकल्प है।” अपने सैकड़ों साथियों की मौत, घटता जनाधार और बढ़ती पुलिस कार्रवाई को देखते हुए उसने शस्त्रसंघर्ष छोड़कर आत्मसमर्पण का मार्ग अपनाने का निर्णय लिया।
हालाँकि, उसकी इस सोच का कुछ नक्सली नेताओं ने विरोध किया, पर अंततः भूपति ने संगठन से अलग होकर आत्मसमर्पण का फैसला किया। बताया जा रहा है कि उसका गुट फिलहाल पुलिस सुरक्षा में है और राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास योजना के अंतर्गत उन्हें सुरक्षा की गारंटी दी गई है।
इस आत्मसमर्पण की पुलिस द्वारा अभी तक आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन पुलिस सूत्रों ने इन घटनाओं की जानकारी दी है।
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों से गढ़चिरोली जिले में आत्मसमर्पण की श्रृंखला लगातार जारी है। जनवरी माह में भूपति की पत्नी और वरिष्ठ नक्सली नेत्या तारक्का ने भी आत्मसमर्पण किया था। इसलिए भूपति का आत्मसमर्पण इस प्रक्रिया का सबसे बड़ा और निर्णायक कदम माना जा रहा है।
राज्य सरकार की “आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति” को सफलता मिल रही है, यह घटना उसी का प्रमाण है। नक्सल आंदोलन छोड़कर शांति के मार्ग को अपनाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

#thegdv #thegadvishva #GadchiroliNews #GadchiroliPolice #MaharashtraPolice #NaxaliteSurrender #Bhupati #MallujulaVenugopal #MaoistLeader #DevendraFadnavis #SurrenderAndRehabilitation #PeaceInitiative #BreakingNews #MaoistConflict #SecurityForces #NaxalMovement #NewsUpdate


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Don`t copy text!