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गडचिरोली,२८ : गडचिरोली जिले की नक्सल विरोधी मुहिम में सी-६० पथक के पार्टी कमांडर एवं पुलिस उपनिरीक्षक (पो.उ.नि.) वासुदेव राजम मडावी द्वारा प्रदर्शित अद्वितीय शौर्य की दखल लेते हुए आज उनका विशेष सम्मान किया गया। बीते २६ वर्षों की अखंड सेवा अवधि में उन्होंने ५८ मुठभेड़ों में नेतृत्व करते हुए कुल १०१ माओवादियों का खात्मा किया है तथा ५ खूंखार माओवादियों को जीवित गिरफ्तार भी किया है।
सन १९९८ में पुलिस सिपाही पद से गडचिरोली पुलिस दल में भर्ती हुए मडावी ने लगातार दिखाए गए साहस और निर्भीक नेतृत्व के बल पर तीन त्वरित पदोन्नति प्राप्त कर पुलिस उपनिरीक्षक पद तक का सफर तय किया। जोखिमभरे जंगल अभियानों और जान हथेली पर रखकर किए गए ऑपरेशनों में उन्होंने सी-६० पथक के एक विश्वसनीय कमांडर के रूप में अपनी पहचान बनाई।
उनकी वीरता के लिए उन्हें माननीय राष्ट्रपति द्वारा पुलिस शौर्य पदक, “असाधारण आसूचना कुशलता पदक” तथा पुलिस महानिदेशक सम्मानचिह्न से नवाजा गया है। इसके अतिरिक्त दो अन्य शौर्य पदकों के लिए भी उनके नाम पर विचार लंबित है।
मडावी ने कई ऐतिहासिक मुठभेड़ों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इनमें बोरिया-कसनासूर (४०), मर्दिनटोला (२७), गोविंदगांव (६), कोपर्शी-कोढूर (५), कतरंगट्टा (३) तथा हाल की कोपर्शी मुठभेड़ (४) शामिल हैं। कुल मिलाकर उन्होंने अब तक १०१ माओवादियों को ढेर कर उल्लेखनीय पराक्रम दर्ज किया है।
आज गडचिरोली में आयोजित समारोह में जिला पुलिस अधीक्षक श्री नीलोत्पल के हाथों तथा वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में पो.उ.नि. वासुदेव मडावी को शाल-श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया गया। उनकी इस सफल लड़ाकू कारकीर्द से गडचिरोली जिले की सुरक्षा को महत्वपूर्ण मजबूती मिली है और वे पुलिस दल के अन्य जवानों के लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं।

